Sandeep

Saturday, July 29, 2017

Wednesday, October 7, 2015

भारतीय वायु सेना दिवस के अवसर पर आँजणा समाज के व अन्य भारतीय जाबांज सैनिको को KAPS एप्प परिवार की और से भारतीय वायु सेना दिवस की हार्दिक बधाई

Saturday, September 19, 2015

आँजणा युवा संगोष्ठी को कल 19 सितम्बर को भीनमाल के श्री आँजणा छात्रावास में आयोजित किया गया। जिसमें समाज के अनेकों मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें समाज के कई समाज बंधुओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में सभी परिचय से शुरू होकर छात्राओं के मोटिवेशन पर समाप्त हुआ। संगोष्ठी में शिक्षा, चिकित्सा, नशा, सामूहिक विवाह, मृत्युभोज, आधुनिक फैशन, बढ़ते रीती रिवाज, सरकारी मशीनरी में अपना योगदान, सामाजिक संगठन व युथ फ़ोर्स पर चर्चा की गई। RAS श्री हीरालाल जी ने संगोष्ठी में अपना अनुभव शेयर किया। युवाओं को किस तरह से अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए इस विषय पर विस्तार से बताया। पूना से पधारे श्री रमेश भाई ने युथ मोटिवेशन टिप्स दिए। पधारे हुए सभी समाज बंधुओं ने अपने अपने विचार शेयर किए। कार्यक्रम का संचालन बाबूलाल जी ने किया। संयोजक बाबूलाल जी, जॉनूजी चौधरी, सॉवलारामजी दॉतीवास, लक्ष्मनजी भजवाड़, पुखराज जी बागोटी, बाबूलालजी कारलू, रामजीरामजी दॉतीवास, रामजीरामजी पमाना, हरचंदरामजी, दॉतीवास, तगारामजी दॉतीवास, पूरारामजी जूनीबाली, मेहरामारामजी जूनीबाली व चैनाराम जी ABVP ने कड़ी मेहनत से कार्यक्रम को सफल बनाया। युवा संगोष्ठी के बाद छात्रावास के बच्चों को RAS श्री हीरालाल जी, श्री रमेश भाई पूना, श्री बाबूलाल जी भीनमाल ने कॅरियर टिप्स दिए।

Tuesday, September 15, 2015

12 लाख रु. रोजाना टर्नओवर, कभी मुंबई में करते थे नौकरी

बांसवाड़ा/झाबुआ. अगर कुछ करने की ठान ली जाए तो दुनिया में कोई चीज असंभव नहीं है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के दो युवाओं ने एक बार फिर इस बात को साबित करके दिखा दिया है। जी हां, ये दोनों युवा जालौर और झाबुआ जिले के हैं। इन्होंने एक रिचार्ज कंपनी शुरू की और कड़ी मेहनत के दम पर उसे रोजाना 12 लाख रुपए टर्नओवर के कारोबार में तब्दील कर दिया। ये दोनों अभी यहीं रुकने वाले नहीं, बल्कि अपने कारोबार को और आगे ले जाने की कोशिश में लगे हुए हैं। बड़ा सपना संजोए इन युवाओं ने अपने बिजनेस का मुख्यालय राजस्थान के बांसवाड़ा में बनाया है। 

 

मुंबई में सीखा हुनर, राजस्थान में बनाया भविष्य 

मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के वैभव अजीत कुमार जैन और जालौर, राजस्थान के भरत पटेल रोजगार की तलाश में दर-दर भटकने के बाद मुंबई पहुंचे थे। पहली बार दोनों की पहचान यहीं हुई। किस्मत से एक साथ दोनों की नौकरी वेब सर्विस देने वाली एक कंपनी में लगी। यहां दोनों ने करीब नौ वर्षों तक साथ काम किया। काम के साथ उन्होंने वह हुनर भी सीखा, जो उनका भविष्य था। दोनों ने 35 वर्ष की उम्र में कारोबार के लिए जरूरी कई तरह के दाव-पेंच भी यहीं से सीखा।

: मुंबई में ही सोच लिया, शुरू करेंगे अपनी कंपनी 

 

मुंबई में नौकरी करने के दौरान ही दोनों ने सॉफ्टवेयर की बेसिक जानकारी लेनी शुरू की। नौकरी के साथ-साथ दोनों की दोस्ती मजबूत होती गई। यह भविष्य में एक बड़े रोजगार का नींव भी बनने वाली थी। आखिर दोनों ने मुंबई में ही खुद की कंपनी बनाने की ठान ली। इसके साथ दोनों कंपनी को शुरू करने की बुनियादी चीजें जुटाने लगे। आखिर में वर्ष 2012 में वह दिन भी आ गया, जब उन्होंने अपने निजी कारोबार के लिए मुंबई को अलविदा कह दिया।

 
बांसवाड़ा को बनाया कंपनी मुख्यालय

कारोबार को जमाने और दूसरी सहूलियतों के चलते दोनों ने कंपनी मुख्यालय बांसवाड़ा बनाना तय किया। यहां उनकी कंपनी ने ऑनलाइन रिचार्ज की सर्विस शुरू की। दोनों ने कंपनी का कारोबार बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और दोस्तों का सहारा लिया। महज 3 साल में कंपनी हर रोज 12 लाख रुपए यानी माह में करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए का कारोबार करने लगी है। 

रिटेल कारोबार खड़ा करना सपना

वैभव और भरत ने बताया कि उन दोनों की इच्छा ऑनलाइन रिटेल कारोबार खड़ा करने की है। वे बहुत जल्द इसकी शुरुआत करेंगे। अभी इनकी कंपनी में दर्जन भर से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। दोनों के हौसले बड़े हैं, वे ऑनलाइन कारोबार की एक चेन खड़ा करना चाहते हैं।